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 1 याहवेह का यह कहना है: 
“मोआब को दंड देने से मैं पीछे न हटूंगा, 
क्योंकि उसने तीन, नहीं वरन चार अपराध किये हैं. 
उसने एदोम के राजा के 
हड्डियों को जलाकर राख कर दिया है, 
 2 तब मैं मोआब पर आग बरसाऊंगा 
जो केरिओथ के राजमहलों को जलाकर नष्ट कर देगी. 
बड़े उपद्रव में मोआब मिट जाएगा, 
उस समय युद्ध की ललकार और तुरही फूंकी जा रही होगी. 
 3 मैं मोआब के शासक को नाश कर दूंगा 
और उसे उसके सब अधिकारियों समेत मार डालूंगा,” 
यह याहवेह का कहना है. 
 4 याहवेह का यह कहना है: 
“यहूदिया के तीन नहीं, 
वरन चार पापों के कारण, मैं उसे दंड देने से पीछे नहीं हटूंगा. 
क्योंकि उन्होंने याहवेह के कानून को तुच्छ जाना है 
और उनके नियमों का पालन नहीं किया है, 
वे उन झूठे देवताओं के द्वारा भटकाये गये हैं, 
जिनके पीछे उनके पुरखे चलते थे, 
 5 तब मैं यहूदिया पर आग बरसाऊंगा 
जो येरूशलेम के राजमहलों को जलाकर नष्ट कर देगी.” 
इस्राएल पर न्याय 
 6 याहवेह का यह कहना है: 
“इस्राएल के तीन नहीं, 
वरन चार पापों के कारण, मैं उसे दंड देने से पीछे नहीं हटूंगा. 
वे चांदी के लिये निर्दोष व्यक्ति को, 
और एक जोड़ी चप्पल के लिए ज़रूरतमंद व्यक्ति को बेच देते हैं. 
 7 वे निर्धन के सिर ऐसे रौंदते हैं 
जैसे भूमि पर धूल को रौंदा जाता है 
और पीड़ित लोगों के न्याय को बिगाड़ते हैं. 
पिता और पुत्र दोनों एक ही युवती से संभोग करते हैं 
और ऐसा करके वे मेरे पवित्र नाम को अपवित्र करते हैं. 
 8 वे हर एक वेदी के बाजू में 
बंधक में रखे गए कपड़ों पर लेटते हैं. 
वे अपने देवता के घर में 
जुर्माना में लिये गये अंगूर की दाखमधु को पीते हैं. 
 9 “यह सब होने पर भी मैं ही था जिसने उनके सामने अमोरियों को पछाड़ा था, 
यद्यपि अमोरी पुरुष देवदार वृक्ष के समान ऊंचे 
और बांज वृक्ष के सदृश सशक्त थे. 
मैंने ऊपर तो उनके फल 
तथा नीचे उनकी जड़ें नष्ट कर दीं. 
 10 मैं ही था, जिसने तुम्हें मिस्र देश से बाहर निकाला 
और चालीस वर्ष मरुभूमि में तुम्हारी अगुवाई करता रहा, 
ताकि तुम अमोरियों के देश पर अधिकार कर सको. 
 11 “मैंने ही तुम्हारे बच्चों के बीच में से भविष्यद्वक्ता 
और तुम्हारे जवानों के बीच में से नाजीर खड़ा किया. 
हे इस्राएलियो, क्या यह सच नहीं है?” 
यह याहवेह का कहना है. 
 12 “परंतु तुमने नाजिरों को दाखमधु पान के लिए बाध्य किया 
और भविष्यवक्ताओं को आदेश दिया कि भविष्यवाणी न करें. 
 13 “इसलिये अब, मैं तुम्हें कुचलूंगा 
जैसे अनाज से भरी हुई गाड़ी कुचलती है. 
 14 तेज गति से भागनेवाला बच नहीं पाएगा, 
बलवान व्यक्ति अपना बल सहेज नहीं पाएगा, 
और योद्धा अपना प्राण नहीं बचा सकेगा. 
 15 धनुर्धारी का पैर उखड़ जाएगा, 
तेज दौड़नेवाला सैनिक भाग नहीं पाएगा, 
और घुड़सवार अपना प्राण नहीं बचा सकेगा. 
 16 यहां तक कि उस दिन सबसे साहसी योद्धा भी 
अपने वस्त्र छोड़ भाग खड़े होंगे,” 
यह याहवेह का कहना है.