स्तोत्र 54
संगीत निर्देशक के लिये. तार वाद्यों की संगत के साथ. दावीद की मसकील* 54:0 शीर्षक: शायद साहित्यिक या संगीत संबंधित एक शब्द गीत रचना. यह उस स्थिति के संदर्भ में है, जब ज़िफियों ने जाकर शाऊल को सूचना दी थी: “दावीद हमारे यहां छिपे हैं.” 
 1 परमेश्वर, अपने नाम के द्वारा मेरा उद्धार कीजिए; 
अपनी सामर्थ्य के द्वारा मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए. 
 2 परमेश्वर, मेरी प्रार्थना सुनिए; 
मेरे मुख के वचनों पर ध्यान दीजिए. 
 3 ऐसे अपरिचित पुरुषों ने मुझ पर आक्रमण कर दिया है; 
कुकर्मी पुरुष अब मेरे प्राण के प्यासे हो गए हैं, 
जिनके हृदय में आपके प्रति कोई श्रद्धा नहीं है. 
 4 कोई संदेह नहीं कि परमेश्वर मेरी सहायता के लिए तत्पर हैं; 
प्रभु ही हैं, जो मुझमें बल देते हैं. 
 5 ऐसा हो कि बुराई मेरे निंदकों पर ही जा पड़े; 
परमेश्वर अपनी विश्वासयोग्यता के कारण उनका विनाश कर दीजिए. 
 6 मैं आपको स्वेच्छा बलि अर्पित करूंगा; 
याहवेह, मैं आपकी महान महिमा की सराहना करूंगा, क्योंकि यह शोभनीय है. 
 7 आपने समस्त संकटों से मेरा छुटकारा किया है, 
मैंने स्वयं अपनी आंखों से, अपने शत्रुओं की पराजय देखी है.