स्तोत्र 126
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. 
 1 जब याहवेह ने बंदियों को ज़ियोन लौटा लाया, 
हम उन पुरुषों के समान थे, जिन्होंने स्वप्न देखा था. 
 2 हमारे मुख से हंसी छलक रही थी, 
हमारी जीभ पर हर्षगान थे. 
राष्ट्रों में यह बात जाहिर हो चुकी थी, 
“उनके लिए याहवेह ने अद्भुत कार्य किए हैं.” 
 3 हां, याहवेह ने हमारे लिए अद्भुत कार्य किए, 
हम हर्ष से भरे हुए थे. 
 4 याहवेह, नेगेव की नदी समान, 
हमारी समृद्धि लौटा लाइए* 126:4 समृद्धि लौटा लाइए अर्थात् हमारे बंदियों को ज़ियोन लौटा लाइए. 
 5 जो अश्रु बहाते हुए रोपण करते हैं, 
वे हर्ष गीत गाते हुए उपज एकत्र करेंगे. 
 6 वह, जो रोते हुए बीजारोपण 
के लिए बाहर निकलता है, 
अपने साथ पूले लेकर 
हर्ष गीत गाता हुआ लौटेगा.