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संकट के समय आत्म-विश्वास 
दाऊद का भजन। जब वह अपने पुत्र अबशालोम के सामने से भागा जाता था 
 1 हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं! 
वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। 
 2 बहुत से मेरे विषय में कहते हैं, 
कि उसका बचाव परमेश्वर की ओर से नहीं हो सकता* 3:2 उसका बचाव परमेश्वर की ओर से नहीं हो सकता: वह पूर्णतः त्यागा हुआ है उसमें आत्मरक्षा का सामर्थ्य नहीं है और परमेश्वर हस्तक्षेप करके उसे बचाने की इच्छा नहीं रखता है। । 
(सेला) 
  3 परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है, 
तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है† 3:3 मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है: परेशानियों और दुःख में सिर अपने आप ही झुक जाता है जैसे कि कष्टों के बोझ से दब गया हो।। 
 4 मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, 
और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। 
(सेला) 
  5 मैं लेटकर सो गया; 
फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे सम्भालता है। 
 6 मैं उस भीड़ से नहीं डरता, 
जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं। 
 7 उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्वर मुझे बचा ले! 
क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है। 
और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं। 
 8  उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है‡ 3:8 उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है: केवल परमेश्वर ही है जो बचा लेता है।; 
हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो। 
*3:2 3:2 उसका बचाव परमेश्वर की ओर से नहीं हो सकता: वह पूर्णतः त्यागा हुआ है उसमें आत्मरक्षा का सामर्थ्य नहीं है और परमेश्वर हस्तक्षेप करके उसे बचाने की इच्छा नहीं रखता है।
†3:3 3:3 मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है: परेशानियों और दुःख में सिर अपने आप ही झुक जाता है जैसे कि कष्टों के बोझ से दब गया हो।
‡3:8 3:8 उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है: केवल परमेश्वर ही है जो बचा लेता है।