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 1 मैं शारोन* 2:1 शारोन: इस्राएल के पूर्वी हिस्से का तटीय स्थान। का गुलाब 
और तराइयों का सोसन फूल हूँ। 
वर 
 2  जैसे सोसन फूल कटीले पेड़ों के बीच† 2:2 जैसे सोसन फूल कटीले पेड़ों के बीच: राजा वधू की तुलना करना पुनः आरम्भ करता है। जिस प्रकार की सोसन का फूल कँटीली झाड़ियों में श्रेष्ठ होता है वैसे ही मेरा मित्र अपने साथियों में श्रेष्ठ है।  
वैसे ही मेरी प्रिय युवतियों के बीच में है। 
वधू 
 3 जैसे सेब का वृक्ष जंगल के वृक्षों के बीच में, 
वैसे ही मेरा प्रेमी जवानों के बीच में है। 
मैं उसकी छाया में हर्षित होकर बैठ गई, 
और उसका फल मुझे खाने में मीठा लगा। (प्रका. 22:1,2)  
 4 वह मुझे भोज के घर में ले आया, 
और उसका जो झण्डा मेरे ऊपर फहराता था वह प्रेम था। 
 5 मुझे किशमिश खिलाकर सम्भालो, सेब खिलाकर ताजा करो: 
क्योंकि मैं प्रेम रोगी हूँ। 
 6 काश, उसका बायाँ हाथ मेरे सिर के नीचे होता, 
और अपने दाहिने हाथ से वह मेरा आलिंगन करता! 
 7 हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं तुम से चिकारियों 
और मैदान की हिरनियों की शपथ धराकर कहती हूँ, 
कि जब तक वह स्वयं न उठना चाहे, 
तब तक उसको न उकसाओं न जगाओ। (श्रेष्ठ. 3:5, 8:4)  
दूसरा गीत 
वधू 
 8 मेरे प्रेमी का शब्द सुन पड़ता है! 
देखो, वह पहाड़ों पर कूदता और पहाड़ियों को फान्दता हुआ आता है। 
 9 मेरा प्रेमी चिकारे या जवान हिरन के समान है‡ 2:9 जवान हिरन के समान है: यहाँ तुलना के विषय शरीर की सुन्दरता, मर्यादा और गति की तीव्रता हैं।। 
देखो, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, 
और खिड़कियों की ओर ताक रहा है, 
और झंझरी में से देख रहा है। 
 10 मेरा प्रेमी मुझसे कह रहा है, 
वर 
“हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठकर चली आ; 
 11 क्योंकि देख, सर्दी जाती रही; 
वर्षा भी हो चुकी और जाती रही है। 
 12 पृथ्वी पर फूल दिखाई देते हैं, 
चिड़ियों के गाने का समय आ पहुँचा है, 
और हमारे देश में पिण्डुक का शब्द सुनाई देता है। 
 13 अंजीर पकने लगे हैं, 
और दाखलताएँ फूल रही हैं; 
वे सुगन्ध दे रही हैं। 
हे मेरी प्रिय, हे मेरी सुन्दरी, उठकर चली आ। 
 14 हे मेरी कबूतरी, पहाड़ की दरारों में और टीलों के कुंज में तेरा मुख मुझे देखने दे, 
तेरा बोल मुझे सुनने दे, 
क्योंकि तेरा बोल मीठा, और तेरा मुख अति सुन्दर है। 
 15 जो छोटी लोमड़ियाँ दाख की बारियों को बिगाड़ती हैं, उन्हें पकड़ ले, 
क्योंकि हमारी दाख की बारियों में फूल लगे हैं।” (भज. 80:8-13, यहे. 13:4)  
वधू 
 16 मेरा प्रेमी मेरा है और मैं उसकी हूँ, 
वह अपनी भेड़-बकरियाँ सोसन फूलों के बीच में चराता है§ 2:16 सोसन फूलों के बीच में चराता है: वह उपयुक्त स्थानों तथा उदारता एवं सुन्दरता के मध्य अपना पेशा चलाता है।। 
 17 जब तक दिन ठंडा न हो और छाया लम्बी होते-होते मिट न जाए, 
तब तक हे मेरे प्रेमी उस चिकारे या जवान हिरन के समान बन 
जो बेतेर के पहाड़ों पर फिरता है। 
*2:1 2:1 शारोन: इस्राएल के पूर्वी हिस्से का तटीय स्थान।
†2:2 2:2 जैसे सोसन फूल कटीले पेड़ों के बीच: राजा वधू की तुलना करना पुनः आरम्भ करता है। जिस प्रकार की सोसन का फूल कँटीली झाड़ियों में श्रेष्ठ होता है वैसे ही मेरा मित्र अपने साथियों में श्रेष्ठ है।
‡2:9 2:9 जवान हिरन के समान है: यहाँ तुलना के विषय शरीर की सुन्दरता, मर्यादा और गति की तीव्रता हैं।
§2:16 2:16 सोसन फूलों के बीच में चराता है: वह उपयुक्त स्थानों तथा उदारता एवं सुन्दरता के मध्य अपना पेशा चलाता है।