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न्याय के लिए परमेश्वर का धन्यवाद 
प्रधान बजानेवाले के लिये : अलतशहेत राग में आसाप का भजन । गीत । 
 १ हे परमेश्वर हम तेरा धन्यवाद करते, हम तेरा नाम धन्यवाद करते हैं; 
क्योंकि तेरे नाम प्रगट हुआ है*, तेरे आश्चर्यकर्मों का वर्णन हो रहा है। 
 २ जब ठीक समय आएगा 
तब मैं आप ही ठीक-ठीक न्याय करूँगा। 
 ३ जब पृथ्वी अपने सब रहनेवालों समेत डोल रही है, 
तब मैं ही उसके खम्भों को स्थिर करता हूँ। (सेला) 
 ४ मैंने घमण्डियों से कहा, “घमण्ड मत करो,” 
और दुष्टों से, “सींग ऊँचा मत करो; 
 ५ अपना सींग बहुत ऊँचा मत करो, 
न सिर उठाकर ढिठाई की बात बोलो।” 
 ६ क्योंकि बढ़ती न तो पूरब से न पश्चिम से, 
और न जंगल की ओर से आती है; 
 ७ परन्तु परमेश्वर ही न्यायी है, 
वह एक को घटाता और दूसरे को बढ़ाता है। 
 ८ यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिसमें का दाखमधु झागवाला है; 
उसमें मसाला मिला है*, और वह उसमें से उण्डेलता है, 
निश्चय उसकी तलछट तक पृथ्वी के सब दुष्ट लोग पी जाएँगे। (यिर्म. 25:15, प्रका. 14:10, प्रका. 16:19) 
 ९ परन्तु मैं तो सदा प्रचार करता रहूँगा, 
मैं याकूब के परमेश्वर का भजन गाऊँगा। 
 १० दुष्टों के सब सींगों को मैं काट डालूँगा, 
परन्तु धर्मी के सींग ऊँचे किए जाएँगे।