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मरदूद क़ौम की दुआ 
 1 दाऊद का ज़बूर। तर्ज़ : अहद का सोसन। तालीम के लिए यह सुनहरा गीत उस वक़्त से मुताल्लिक़ है जब दाऊद ने मसोपुतामिया के अरामियों और ज़ोबाह के अरामियों से जंग की। वापसी पर योआब ने नमक की वादी में 12,000 अदोमियों को मार डाला। 
ऐ अल्लाह, तूने हमें रद्द किया, हमारी क़िलाबंदी में रख़ना डाल दिया है। लेकिन अब अपने ग़ज़ब से बाज़ आकर हमें बहाल कर। 
 2 तूने ज़मीन को ऐसे झटके दिए कि उसमें दराड़ें पड़ गईं। अब उसके शिगाफ़ों को शफ़ा दे, क्योंकि वह अभी तक थरथरा रही है। 
 3 तूने अपनी क़ौम को तलख़ तजरबों से दोचार होने दिया, हमें ऐसी तेज़ मै पिला दी कि हम डगमगाने लगे हैं। 
 4 लेकिन जो तेरा ख़ौफ़ मानते हैं उनके लिए तूने झंडा गाड़ दिया जिसके इर्दगिर्द वह जमा होकर तीरों से पनाह ले सकते हैं। (सिलाह) 
 5 अपने दहने हाथ से मदद करके मेरी सुन ताकि जो तुझे प्यारे हैं वह नजात पाएँ। 
 6 अल्लाह ने अपने मक़दिस में फ़रमाया है, “मैं फ़तह मनाते हुए सिकम को तक़सीम करूँगा और वादीए-सुक्कात को नापकर बाँट दूँगा। 
 7 जिलियाद मेरा है और मनस्सी मेरा है। इफ़राईम मेरा ख़ोद और यहूदाह मेरा शाही असा है। 
 8 मोआब मेरा ग़ुस्ल का बरतन है, और अदोम पर मैं अपना जूता फेंक दूँगा। ऐ फ़िलिस्ती मुल्क, मुझे देखकर ज़ोरदार नारे लगा!” 
 9 कौन मुझे क़िलाबंद शहर में लाएगा? कौन मेरी राहनुमाई करके मुझे अदोम तक पहुँचाएगा? 
 10 ऐ अल्लाह, तू ही यह कर सकता है, गो तूने हमें रद्द किया है। ऐ अल्लाह, तू हमारी फ़ौजों का साथ नहीं देता जब वह लड़ने के लिए निकलती हैं। 
 11 मुसीबत में हमें सहारा दे, क्योंकि इस वक़्त इनसानी मदद बेकार है। 
 12 अल्लाह के साथ हम ज़बरदस्त काम करेंगे, क्योंकि वही हमारे दुश्मनों को कुचल देगा।