लैव्यव्यवस्था
होमबलि के नियम
1
1 यहोवा परमेश्वर ने मूसा को बलाया और मिलापवाले तम्बू में से उससे बोला। यहोवा ने कहा,
2 “इस्राएल के लोगों से कहो: तुम लोगों में से कोई जब यहोवा को भेट लाए तो वह भेंट तुम्हें उन जानवरों में से लानी चाहिये जो तुमाहेरे झुण्ड या रेवड़ में से हो।
3 “यदि कोई व्यक्ति अपने पशुओं में से किसी की होमबलि दे तो वह नर होना चाहिए और उस जानवर में कोई दोष नहीं होना चाहिए। उस व्यक्ति को चाहिए कि वह जानवर को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले जाये। तब यहोव भेंट स्वीकार करेगा।
4 इस व्यक्ति को अपना हाथ जानवर के सिर पर रखना चाहिए। परमेश्वर होमबिल को व्यक्ति के पाप के लिए भुगतान के रुप में स्वीकार करेगा।
5 “व्यक्ति को चाहिए कि वह बछड़े का खून पर चारों ओर खून छिड़कना चाहिए।
6 वह उस जानवर का चमड़ा हटा देगा और उसे टुकड़ों में काटेगा।
7 हारून के याजक पुत्रों को वेदी पर लकड़ी और आग रखनी चाहिए।
8 हारून के याजक पुत्रों को वे टुकड़े, (सिर और चर्बी) लकड़ी पर रखनी चाहिए। वह लकड़ी वेदी पर आग के ऊपर होती है।
9 याजक को जानवर के भीतरी भागों और पैरों को पानी से धोना चाहिए। तब याजक को जानवर के सभी भागों को वेदी पर जलाना चाहिए। यही होमबलि है अर्थात आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना।
10 “यदि कोई व्यक्ति भेड़ या बकरी की होमबलि चढ़ाए तो वह एक ऐसे नर पशु की भेंट दे जिसमें कोई दोष न हो।
11 उस व्यक्ति को वेदी के उत्तर की ओर यहोवा के सामने पशु को मारना चाहिए। हारून के याजक पुत्रों को वेदी के चारों ओर खून छिड़कना चाहिए।
12 तब याजक को चाहिए कि वह पशु को टुकड़ों में काटे। पशु का सिर और चर्बी याजक को लकड़ी के ऊपर क्रम से रखना चाहिए। लकड़ी वेदी पर आग के ऊपर रहती है।
13 याजक को पशु के भीतरी भागों और उसके पैरों को पानी से धोना चाहिए। तब याजक को चाहिए कि वह पशु के सभी भागों को वेदी पर जलाएँ। यह होमबलि है अर्थात् आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना।
14 “यदि कोई व्यक्ति यहोवा को पक्षी की होमबलि चढ़ाए तो यह पक्षी की होमबलि चढ़ाए तो यह पक्षी फाख्ता या नया कबूतर होना चाहिए।
15 याजक बेंट को वेदी कपर लाएगा। याजक पक्षी को वेदी पर जलाएगा। पक्षी का खून वेदी की ओर बहना चाहिए।
16 याजक को पक्षी के गले की थैली और उसके पंखों को वेदी के पूर्व की ओर फेंक देना चाहिए। यह वही जगह है जहाँ वे वेदी से निकालकर राख डालते हैं।
17 तब याजक को पंख के पास से पक्षी को चीरना चाहिए किन्तु पक्षी को दो भागों ने नहीं बाँटना चाहिए। याजक को वेदी के ऊपर आग पर रखी लकड़ी के ऊपर पक्षी को जलाना चाहिए। यह होमबलि है अर्थात् आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना।