2
यौ बौआ सभ, हम अहाँ सभ केँ ई बात एहि लेल लिखि रहल छी जे अहाँ सभ पाप नहि करी। मुदा जँ केओ पाप करय तँ अपना सभ केँ एक गोटे छथि जे पिता लग अपना सभक पक्ष मे विनती करैत छथि, अर्थात् यीशु मसीह, जे धार्मिक छथि। यीशु मसीह स्‍वयं ओ बलि छथि जिनका द्वारा अपना सभक पापक प्रायश्‍चित्त कयल गेल, और मात्र अपना सभक पापक नहि, बल्‍कि सौंसे संसारक सेहो।
अपना सभ हुनका चिन्‍हैत छियनि से तखने जानि सकैत छी जखन हुनकर आज्ञाक पालन करैत छियनि। जे केओ कहैत अछि जे, हम हुनका चिन्‍हैत छियनि, मुदा हुनकर आज्ञाक पालन नहि करैत अछि, से झुट्ठा अछि और ओकरा मे सत्‍य नहि छैक। मुदा जे केओ हुनकर वचनक अनुसार चलैत अछि, तकरा मे परमेश्‍वरक प्रति ओकर प्रेम* 2:5 वा, “परमेश्‍वरक प्रेम” पूर्ण रूप सँ सिद्ध कयल गेल छैक। अपना सभ एहि सँ निश्‍चय जानि सकैत छी जे हुनका मे छी— जे केओ कहैत अछि जे, हम परमेश्‍वर मे रहैत छी, तकरा ओहने जीवन व्‍यतीत करबाक छैक जेहन यीशु व्‍यतीत कयलनि।
प्रिय मित्र सभ, हम अहाँ सभ केँ कोनो नव आज्ञा नहि लिखि रहल छी। ई पुरान आज्ञा अछि, जे शुरुए सँ अहाँ सभक संग अछि। ई पुरान आज्ञा ओ वचन अछि जे अहाँ सभ सुनने छी। तैयो जे आज्ञा लिखि रहल छी से नवे अछि। ओ हुनका जीवन मे और अहूँ सभक जीवन मे सत्‍य प्रमाणित भेल अछि, कारण अन्‍हार दूर भऽ रहल अछि और वास्‍तविक इजोत एखने सँ चमकि रहल अछि।
जे केओ कहैत अछि जे, हम इजोत मे छी, मुदा अपना भाय सँ घृणा करैत अछि, से एखनो अन्‍हारे मे अछि। 10 जे केओ अपना भाय सँ प्रेम करैत अछि, से इजोत मे रहैत अछि, और ओकरा मे कोनो कारण नहि छैक जाहि सँ ठेस लगतैक। 11 मुदा जे अपना भाय सँ घृणा करैत अछि से अन्‍हार मे अछि और अन्‍हारे मे चलैत अछि। ओ नहि जनैत अछि जे हम कतऽ जा रहल छी किएक तँ अन्‍हार ओकरा आन्‍हर बना देने छैक।
12 प्रिय बौआ सभ, हम अहाँ सभ केँ ई बात एहि लेल लिखि रहल छी जे प्रभु यीशु मसीह द्वारा 2:12 वा, “प्रभु यीशु मसीहक कारणेँ” अहाँ सभक पाप माफ भऽ गेल अछि।
13 यौ पिता लोकनि, हम अहाँ सभ केँ ई बात एहि लेल लिखि रहल छी जे अहाँ सभ तिनका जानि गेल छी जे शुरू सँ छथि।
युवक सभ, हम अहाँ सभ केँ ई बात एहि लेल लिखि रहल छी जे अहाँ सभ दुष्‍ट शैतान केँ पराजित कयने छी।
प्रिय बौआ सभ, हम अहाँ सभ केँ एहि लेल लिखने छी जे अहाँ सभ पिता केँ जानि गेल छी।
14 यौ पिता लोकनि, हम अहाँ सभ केँ एहि लेल लिखने छी जे अहाँ सभ तिनका जानि गेल छी जे शुरू सँ छथि।
युवक सभ, हम अहाँ सभ केँ एहि लेल लिखने छी जे अहाँ सभ बलवन्‍त छी, और परमेश्‍वरक वचन अहाँ सभ मे रहैत अछि, और अहाँ सभ दुष्‍ट शैतान केँ पराजित कयने छी।
संसार सँ प्रेम नहि करू
15 संसार सँ प्रेम नहि करू, और ने संसारक वस्‍तु सँ। जँ केओ संसार सँ प्रेम करैत अछि, तँ ओकरा मे पिताक प्रति प्रेम नहि छैक। 16 कारण, जे किछु संसार मे छैक, अर्थात् मनुष्‍यक पापी स्‍वभावक इच्‍छा, ओकर आँखिक लालसा और धन-सम्‍पत्ति पर ओकर घमण्‍ड, से पिताक दिस सँ नहि, बल्‍कि संसारक दिस सँ अबैत अछि। 17 संसार और जाहि कोनो बातक लेल ओकर इच्‍छा होइत छैक, से सभ समाप्‍त भऽ रहल अछि, मुदा जे व्‍यक्‍ति परमेश्‍वरक इच्‍छा पर चलैत अछि, से सदा-सर्वदा जीबैत रहत।
“मसीह-विरोधी” सँ सावधान
18 प्रिय बौआ सभ, ई आब अन्‍तिम घड़ी अछि। अहाँ सभ सुनि लेने छी जे “मसीह-विरोधी” आबऽ वला अछि, और तहिना एखनो बहुत “मसीह-विरोधी” प्रगट भऽ गेल अछि। एहि सँ अपना सभ जानि सकैत छी जे ई अन्‍तिम घड़ी अछि। 19 ओ सभ अपना सभ मे सँ निकलि गेल, मुदा वास्‍तव मे ओ सभ अपना सभक लोक नहि छल। जँ अपना सभक रहैत तँ अपना सभक संग रहले रहैत। मुदा ओकरा सभ केँ चलि गेला सँ ई स्‍पष्‍ट होइत अछि जे ओकरा सभ मे सँ केओ वास्‍तव मे अपना सभक नहि छल।
20 मुदा ओ जे पवित्र छथि, से अहाँ सभ केँ अपन आत्‍मा देने छथि 2:20 अक्षरशः “मुदा ओ जे पवित्र छथि, तिनका दिस सँ अहाँ सभ केँ एक अभिषेक प्राप्‍त भेल अछि।” , और अहाँ सभ गोटे सत्‍य केँ जनैत छी§ 2:20 किछु हस्‍तलेख मे, “अहाँ सभ गोटे सत्‍य केँ जनैत छी”—ताहि स्‍थान मे ई पाओल जाइत अछि, “सभ बात अहाँ सभ जनैत छी।” 21 तेँ हम अहाँ सभ केँ एहि लेल नहि लिखि रहल छी जे अहाँ सभ सत्‍य केँ नहि जनैत छी, बल्‍कि एहि लेल जे अहाँ सभ सत्‍य केँ जनिते छी, और इहो जनैत छी जे कोनो झूठ सत्‍य सँ उत्‍पन्‍न नहि होइत अछि। 22 और झुट्ठा के अछि? ओ वैह अछि जे एहि बात केँ अस्‍वीकार करैत अछि जे यीशु उद्धारकर्ता-मसीह छथि। ओहन आदमी “मसीह-विरोधी” अछि। ओ पितो केँ और पुत्रो केँ अस्‍वीकार करैत अछि। 23 जे केओ पुत्र केँ अस्‍वीकार करैत अछि, तकरा लग पितो नहि छथिन। जे केओ पुत्र केँ स्‍वीकार करैत अछि, तकरा लग पितो छथिन।
24 अहाँ सभ, जे बात शुरू मे सुनलहुँ, तकरा अपना मोन मे वास करऽ दिअ। जँ ओ अहाँ सभक मोन मे वास करत, तँ अहूँ सभ पुत्र मे और पिता मे वास करब। 25 और ओ अपना सभ केँ जे बात प्रदान करबाक वचन देने छथि, से अछि अनन्‍त जीवन।
26 हम अहाँ सभ केँ ई सभ बात तकरा सभक बारे मे लिखि रहल छी जे सभ अहाँ सभ केँ बहकाबऽ चाहैत अछि। 27 मुदा जे पवित्र आत्‍मा अहाँ सभ केँ मसीह प्रदान कयलनि, से अहाँ सभ मे वास करैत छथि, और तेँ अहाँ सभ केँ आरो शिक्षकक कोनो आवश्‍यकता नहि अछि। कारण, हुनकर आत्‍मा अहाँ सभ केँ सभ बात सिखबैत छथि, और ओ आत्‍मा सत्‍य छथि, ओ झुट्ठा नहि छथि। जेना ओ अहाँ सभ केँ मसीह मे बनल रहबाक लेल सिखौने छथि तहिना हुनका मे बनल रहू।* 2:27 अक्षरशः “मुदा जे अभिषेक अहाँ सभ हुनका सँ प्राप्‍त कयलहुँ, से अहाँ सभ मे रहैत अछि। और अहाँ सभ केँ शिक्षकक कोनो आवश्‍यकता नहि अछि। ओ अभिषेक अहाँ सभ केँ सभ बात सिखबैत अछि, और ओ सत्‍य अछि, ओ झूठ नहि अछि। जेना ओ अहाँ सभ केँ हुनका मे बनल रहबाक लेल सिखौने अछि, तहिना हुनका मे बनल रहू।”
परमेश्‍वरक सन्‍तान
28 हँ, बौआ सभ, मसीह मे रहू, जाहि सँ ओ जहिया प्रगट होयताह तहिया अपना सभ स्‍थिर रहब और हुनकर आगमनक समय मे हुनका सँ मुँह नहि घुमाबऽ पड़त।
29 अहाँ सभ जनैत छी जे ओ धार्मिक छथि, तँ इहो जानि लिअ जे, जे केओ धार्मिकताक आचरण करैत अछि, से परमेश्‍वरक सन्‍तान अछि।

*2:5 2:5 वा, “परमेश्‍वरक प्रेम”

2:12 2:12 वा, “प्रभु यीशु मसीहक कारणेँ”

2:20 2:20 अक्षरशः “मुदा ओ जे पवित्र छथि, तिनका दिस सँ अहाँ सभ केँ एक अभिषेक प्राप्‍त भेल अछि।”

§2:20 2:20 किछु हस्‍तलेख मे, “अहाँ सभ गोटे सत्‍य केँ जनैत छी”—ताहि स्‍थान मे ई पाओल जाइत अछि, “सभ बात अहाँ सभ जनैत छी।”

*2:27 2:27 अक्षरशः “मुदा जे अभिषेक अहाँ सभ हुनका सँ प्राप्‍त कयलहुँ, से अहाँ सभ मे रहैत अछि। और अहाँ सभ केँ शिक्षकक कोनो आवश्‍यकता नहि अछि। ओ अभिषेक अहाँ सभ केँ सभ बात सिखबैत अछि, और ओ सत्‍य अछि, ओ झूठ नहि अछि। जेना ओ अहाँ सभ केँ हुनका मे बनल रहबाक लेल सिखौने अछि, तहिना हुनका मे बनल रहू।”